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असम में अधिकारियों की धमकी: भाजपा को वोट दो नहीं तो बुलडोज़र चलेगा!

 27 Apr 2024

मीडिया वेबसाइट द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, असम के करीमगंज में वन अधिकारी मुस्लिम बहुल गाँव में घर-घर जाकर भाजपा को वोट न करने पर भुगतने की धमकी दे रहे हैं। आक्षेप है कि अधिकारियों ने कहा कि यदि उन्होंने भाजपा उम्मीदवार कृपानाथ मल्लाह को वोट नहीं दिया तो नतीजों के बाद उनके घरों पर बुलडोज़र चला दिया जायेगा। गाँव के लोगों ने मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की है। करीमगंज लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को ही चुनाव कराये जा चुके हैं।


वन अधिकारी भाजपा को वोट करने की धमकी दे रहे हैं

रिपोर्ट के अनुसार भाजपा सरकार अब वोट पाने के लिए धमकी पर उतर आयी है। असम के करीमगंज संसदीय क्षेत्र के एक मुस्लिम बहुल गाँव के लोगों ने वन अधिकारियों पर धमकी देने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि वन अधिकारियों ने उनसे कहा है कि भाजपा को वोट दो नहीं तो बुलडोज़र के लिए तैयार रहो। गाँव के लोगों ने 9 वन अधिकारियों के ख़िलाफ़ स्थानीय कोर्ट में अपनी याचिका दायर की है।जिसमें उन्होंने निष्पक्ष जाँच का आदेश देने की माँग की है।

याचिका में कहा गया है कि 21 अप्रैल से कई अधिकारी गाँव आये और भाजपा को वोट देने के लिए दबाव डाला। हैरानी की बात यह है कि गाँव वालों के अनुसार, वन अधिकारियों के साथ लगभग 45 लोगों का समूह था, जिन्घ घर-घर जाकर भाजपा को वोट देने की बात की। 

शिक़ायत में 9 वन अधिकारियों के अलावा असम सरकार में मुख्य सचिव एम.के यादव का भी नाम शामिल है। एम.के यादव पहले वन अधिकारी के पद पर भी रह चुके हैं, जिन्हें भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों के बाद असम सरकार द्वारा नौकरी से निकाल दिया गया था। एम.के यादव वही अधिकारी हैं जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के काजीरंगा वन क्षेत्र की यात्रा के दौरान ख़र्च को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था। इसके अलावा एम.के यादव पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से भी छेड़छाड़ का आरोप लग चुका है। यादव असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा के क़रीबियों के तौर पर भी जाने जाते हैं।


गाँव के लोगों के पास अधिकारीयों के ख़िलाफ़ कई सबूत


कुछ अज्ञात लोग जिन्हे गाँव वाले नहीं जानते हैं, घर-घर जाकर भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं और लोगों की फ़ोटो उनके घर के साथ खींच रहे हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने कहा है अगर वोट नहीं दिया तो उनको ‘बंगाल से आये’ लोग बताकर उनके घरों को तोड़ दिया जायेगा। गाँव के लोगों ने अपने दावों के पक्ष में कई वीडियो के सबूत होने की भी बात कही है।

द वायर ने चुनाव आयोग से इस मामले को लेकर सवाल पूछा है, लेकिन अभी तक आयोग की तरफ़ से की ज़वाब नहीं आया है। द वायर ने सिल्चर के लिए जाने वाली ट्रेनों के रद्द होने के कारणों को लेकर भी आयोग से सवाल किया, जिसका भी ज़वाब आयोग की तरफ़ से अभी तक नहीं आया है। ट्रेनें रद्द हो जाने के कारण कई लोग करीमगंज में 26 अप्रैल को अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाये हैं।